जीवन में ऐसे मोड़ कई बार आते हैं, जब इंसान का हौसला टूटने लगता है, सभी रास्ते बंद से लगते हैं, और कोई सहारा नहीं दिखता। ऐसे ही समय में जो नाम लिया जाता है — वही असली सहारा बनता है । और जब वह नाम प्रभु का हो, तो चमत्कार निश्चित है। 🌪️ घटना की शुरुआत यह घटना एक सामान्य युवक "अर्जुन" की है, जो एक बार दोस्तों के साथ पहाड़ों पर घूमने गया था। सबकुछ सुंदर चल रहा था — नज़ारे, मुस्कानें, मज़ा… लेकिन एक पल में सब बदल गया। खराब मौसम, फिसलन भरी चट्टान, और अचानक पैर फिसला… अर्जुन सीधा नीचे खाई की ओर लुड़कता चला गया। सभी दोस्त चीख उठे। 🧘♂️ प्रभु का स्मरण गिरते समय अर्जुन की आँखों के सामने पूरा जीवन घूम गया। वह कुछ नहीं कर पा रहा था… केवल चिल्लाया — "राम… राम… राम…" एक पल में मानो सब थम गया। उसे नहीं पता चला कैसे, लेकिन एक पेड़ की मोटी शाखा पर उसका हाथ फँस गया। उस शाखा ने उसकी जान बचा ली। कुछ ही देर में रेस्क्यू टीम आई और उसे ऊपर खींच लिया गया। 🕉️ आस्था का जन्म अर्जुन इससे पहले कभी धार्मिक नहीं था। लेकिन उस दिन से उसके जीवन का हर दिन प्रभु के नाम से शुरू होता...
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