🙏 श्री गणेश आरती – जीवन की हर शुरुआत में प्रथम पूज्य का स्मरण
हिंदू धर्म में भगवान गणेश को विध्नहर्ता, बुद्धि और समृद्धि के देवता के रूप में पूजा जाता है। हर शुभ कार्य से पहले श्री गणेश जी का पूजन करने की परंपरा है। यहां प्रस्तुत है "श्री गणेश आरती" – जो मन, घर और जीवन में सुख, शांति और सकारात्मक ऊर्जा भर देती है।
🌺 आरती: जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥ एकदंत, दयावंत, चार भुजाधारी। माथे सिन्दूर सोहे, मूसे की सवारी॥ पान चढ़े, फूल चढ़े और चढ़े मेवा। लड्डूअन का भोग लगे, संत करें सेवा॥ अंधन को आँख देत, कोढ़िन को काया। बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया॥ 'सूर' श्याम शरण आए, सफल कीजिए सेवा। मात-पिता सहित वंदन, करि विनय देवा॥
💡 आरती करने के लाभ:
- मन को शांति और स्थिरता मिलती है
- घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है
- कठिनाइयों और विघ्नों से रक्षा होती है
- सभी शुभ कार्यों की सिद्धि होती है
📿 आरती कब और कैसे करें?
श्री गणेश की आरती रोज सुबह या गणेश चतुर्थी जैसे खास पर्व पर करें। दीपक, धूप, फूल और लड्डू से पूजा करें और अंत में आरती गाएं।
📌 निष्कर्ष:
श्री गणेश की आरती जीवन में आनंद, सफलता और आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार करती है। आइए, इस पावन भक्ति संग्रह के माध्यम से हम सभी श्री गणेश जी की आराधना में लीन हों।
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🙏 श्री गणेश आरती – जीवन की हर शुरुआत में प्रथम पूज्य का स्मरण
Reviewed by Hitesh Sharma
on
July 02, 2025
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